GST Return Filing Process in hindi 2023: इस पोस्ट में GST Return File कैसे करें, जीएसटी रिटर्न फॉर्म क्या है? जीएसटी रिटर्न फॉर्म के प्रकार और जीएसटी रिटर्न भरने की पूरी प्रक्रिया step by step जानेंगे। अगर आप किसी बिज़नेस के मालिक हैं या किसी भी कारण GST Return File जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार से जानकारी चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही सहायक होगा।
GST Return File कैसे करें – GST Return Kaise File kare
देश में जब से GST लागू हुआ, वित्तीय व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। भारत में बहुत ऐसे छोटे-बड़े व्यापारी हैं जिन्हें GST Return File कैसे करें नहीं पता है। इस वजह से वे काफी परेशान रहते हैं और दूसरों पर आश्रित रहते हैं। ऐसे ही व्यापारियों की परेशानी को मध्यनज़र रखते हुए, इस पोस्ट में मैंने बताया है कि कैसे मिनटों में खुद से GST Return File कर सकते हैं।
Note : आपसे एक Request है, अंत में लेख के Conclusion ( निष्कर्ष ) और FAQ ( लोगों द्वारा पूछे गए GST से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न ) जरूर पढ़ें। कमेंट में अपनी राय या सवाल पूछ सकते हैं।
जीएसटी रिटर्न फॉर्म क्या है? – About GST Return Forms in Hindi
GST Return Forms एक ऐसा फॉर्म होता है, जिसके द्वारा व्यापारी अपने सौदों का विवरण सरकार सौंपते हैं, जिसमें व्यापारियों को सभी बिक्रियों (sales) और खरीदारियों (purchases) के साथ-साथ ही काटे गए टैक्स ( tax collected on sales (output tax ) और चुकाए गए टैक्स (tax paid on purchases (input tax) का जानकारी देना पड़ता है।
GST return भरते समय भी अगर आपकी कोई टैक्स देनदारी बकाया ( tax liability) है, तो उसे भी साथ ही साथ जमा कर देना पड़ता है।
वर्तमान में, भारतीय कर संरचना दो में विभाजित है – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर (direct tax and indirect tax).
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है, जो देश में अप्रत्यक्ष करों को प्रतिस्थापित करना सुनिश्चित करके भारत को एक आम एकजुट बाजार बनाता है। 29 मार्च, 2017 को संसद में पारित किया गया, माल और सेवा कर अधिनियम प्रत्येक मूल्यवर्धन पर लगाया जाने वाला एक व्यापक और बहु-स्तरीय कर है। जीएसटी अधिनियम 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ और इसका बहुत महत्व है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने अप्रत्यक्ष कर राजस्व के लिए जीएसटी पर निर्भर हैं।
- प्रत्यक्ष कर या डायरेक्ट टैक्स वह हैं जिसमें देनदारी किसी और को नहीं दी जा सकती। इसका एक उदाहरण आयकर है जहां आप आय अर्जित करते हैं और केवल आप उस पर कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।
- अप्रत्यक्ष करों या इनडायरेक्ट टैक्स के मामले में, टैक्स की देनदारी किसी अन्य व्यक्ति को दी जा सकती है। मतलब यह है कि दुकानदार जब वह आइटम थोक व्यापारी से खरीदा था, तब उसे कर का भुगतान करना पड़ा था। वह राशि वसूल करने के साथ ही सरकार को भुगतान किए गए वैट की भरपाई के लिए वह अपने ग्राहक को देयता दे देता है। जिसे अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है।
लेन-देन के दौरान दुकानदार के लिए अपनी जेब से जो भी भुगतान करता है, उसके लिए रिफंड का दावा करने का कोई दूसरा तरीका नहीं है और इसलिए, उसके पास ग्राहक की देयता को पारित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
आप यह जान गए की Gst क्या है और GST returns Forms एक कारोबारी के कितना महत्वपूर्ण है। अब आगे इसके सभी प्रकार के GST बारे में जानिए और आपको यह भी पता चले की कौन सा GST returns Forms किसको भरना पड़ता है।
GST Return Filing Process in hindi से पहले
जीएसटी ( GST ) के चार अलग-अलग प्रकार हैं। GST क्या है, इसके प्रकार, महत्व, फायदे और नुकसान, इसके बारें मै पिछले पोस्ट में बताया था। आप चाहे तो पहले उसको जरूर पढ़ें।
जीएसटी रिटर्न फॉर्म के प्रकार – Types of GST Returns in hindi
Types of GST Returns in hindi : GST Law ( गुड्स एंड सर्विसेज कानून ) के अनुसार, GST Return Forms कुल 22 तरह के होते है। इनमें से केवल 11 प्रकार के एक्टिव (Active GST Return ) हैं, बाकि तीन सस्पेंड (Suspended GST Return) हैं। वहीं 8 ऐसे जीएसटी रिटर्न हैं, जिनमें व्यवसाय से संबंधी जानकारी दर्ज होती है लेकिन इन्हें केवल देखा जा सकता है (View Only GST Return) इन्हें क्लेम करने का प्रावधान नहीं है। आगे पोस्ट में इसको विस्तार से समझते हैं –
जीएसटीआर-1 (GSTR-1):
जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हर करदाता को यह रिटर्न भरना होता है. इसमें बिक्री से संबधित सभी लेन-देन की इंवॉइस और डेबिट-क्रेडिट नोट्स की जानकारी होती है. 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के एग्रिगेट टर्नओवर वाले व्यवसायियों को हर महीने की 11 तारीख तक और QRMP स्कीम को चुनने वाले व्यवसायियों के लिए हर तीसरे महीने की 13 तारीख तक इस जीएसटीआर-1 रिटर्न को फाइल करना अनिवार्य है.
जीएसटीआर-2ए (GSTR-2A)
इसे केवल पढ़ा जा सकता है. इसमें जीएसटी रजिस्टर्ड सप्लायर से खरीदे गए सामान या ली गई सेवा की जानकारी होती है. विभिन्न सप्लायर्स की ओर से जीएसटीआर-1 के अंतर्गत भरी गई जानकारी के आधार पर जीएसटीआर-2ए में स्वत: जानकारी अपडेट हो जाती है.
जीएसटीआर–2बी (GSTR-2B)
यह भी केवल व्यूह ओनली यानी पढ़े जाने योग्य जीएसटी रिटर्न है. इसमें प्रत्येक इनवॉयस पर होने वाली कार्रवाई जैसे रिवर्स चार्ज आदि की जानकारी होती है.
जीएसटीआर-2 (GSTR-2)
वर्तमान में जीएसटीआर-2 सितंबर 2017 से सस्पेंड है.
जीएसटीआर-3 (GSTR-3)
वर्तमान में जीएसटीआर-3 भी सस्पेंड है. इसमें पुराने टैक्स रिटर्न की विवरणी, टैक्स लाइबिलिटी आदि की जानकारी होती है.
जीएसटीआर–3बी (GSTR-3B):
यह सेल्फ डिक्लरेशन होती है. जिसे हर महीने भरना अनिवार्य है. इसमें सभी तरह की सप्लाई, इंपुट टैक्स क्रेडिट, टैक्स लाइबिलिटी और भरे करे टैक्स की जानकारी होती है. इसे जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड सभी करदाताओं को भरना होता है.
जीएसटीआर–4 (GSTR-4) अथवा कॉम्पजीशन 8 (CMP8):
यह वार्षिक रिटर्न है जिसे कॉम्पजीशन टैक्स का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद 30 अप्रैल तक भरना अनिवार्य है. कॉम्पजीशन स्कीम के अंतर्गत 1.5 करोड़ रुपये तक का सालाना टर्नोवर करने वाले टैक्स पेयर एक निश्चित दर पर टैक्स भुगतान कर सकते हैं.
जीएसटीआर–5 (GSTR-5):
इसे वे विदेशी करदाता भरते हैं जो जीएसटी के अंतर्गत रिजस्टर्ड हैं और भारत में व्यापारिक लेन-देन करते हैं. इस रिटर्न को प्रत्येक महीने भरा जाता है.
जीएसटीआर06 (GSTR-6):
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की श्रेणी में आने वाले करदाता हर महीने इस रिटर्न को भरते हैं. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर किसी कारोबार के हेड ऑफिस के रूप में काम करता है और सभी शाखाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली सेवाओं के लिए बिल प्राप्त करता है. इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा भरे करे टैक्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) कहा जाता है. हेड ऑफिस इसे सभी ब्रांच को वितरित करता है. जीएसटीआर-6 में आईटीसी, आईटीसी वितरण के लिए जारी किए गए दस्तावेज एवं आईटीसी वितरण की प्रक्रिया का विवरण होता है.
जीएसटीआर–7 (GSTR-7)
जीएसटी के तहत कटे टीडीएस (Tax Deduction At Source) के लिए हर माह करदाता इसे फाइल करते हैं. इस रिटर्न में टीडीएस की राशि, टीडीएस रिफंड, टीडीएस देनदारी आदि की जानकारी होती है.
जीएसटीआर–8 (GSTR-8):
जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड ई-कॉमर्स व्यवसायी इसे भरते हैं. इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से की गई आपूर्ति और उस पर एकत्रित टीसीएस (Tax Collected At Source) का विवरण होता है.
जीएसटीआर–9 (GSTR-9):
यह वार्षिक रिटर्न है जिसे वित्तीय वर्ष के अगले वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर तक भरना होता है. इसमें सीजीएसटी (CGST), एसजीएसटी (SGST), आईजीएसटी (IGST) आदि की जानकारी होती है.
जीएसटीआर–10 (GSTR-10)
इसे फाइनल रिटर्न भी कहा जाता है. जिन व्यवसायियों का जीएसटी नंबर कैंसिल कर दिया जाता है या जिन्होंने जीएसटी नंबर सरेंडर कर दिया हो, उन्हें कैंसिलेशन या सरेंडर के तीन महीने के भीतर इसे भरना होता है.
जीएसटीआर–11 (GSTR-11)
जिन लोगों को रिफंड प्राप्त करने के लिए यूनिक आईडेंटिटी नंबर (UIN) जारी किया जाता है, वे इस रिटर्न को भरते हैं.
जीएसटी रिटर्न भरने की पूरी प्रक्रिया – GST Return Filing Process in hindi step by step
अपना जीएसटी रिटर्न फाइल (GST Return File) करने के लिए, आपको पहले जीएसटी रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा। रजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद जीएसटी पोर्टल पर लॉग इन करें और रिटर्न दाखिल करें। जीएसटी लॉगिन की प्रक्रिया (GST Log-in Process) की जानकारी नीचे दी गई है।

- स्टेप 1: सबसे पहले ऑफिसियल पोर्टल (www.gst.gov.in) को अपने लैपटॉप, कम्यूटर या फोन पर खोलें।आप जीएसटी पोर्टल में लॉग- इन करें, डैशबोर्ड पर “Services” टैब पर क्लिक करें।
- स्टेप 2: “Services” मेनू में, “Returns Dashboard” पर क्लिक करें ।
- स्टेप 3: “Financial Year”, “Return Filing Period” सलेक्ट करें और “Search” पर क्लिक करें।
- स्टेप 4: सभी जीएसटी रिटर्न को दर्शाया जाता है जो फाइल किए जा सकते हैं। संबंधित टाइल में “Prepare Online” या “Prepare Offline” बटन पर क्लिक करके आप जिस जीएसटी रिटर्न को दाखिल करना चाहते हैं, उसका चयन करें।
- स्टेप 5: आप अपना जीएसटी रिटर्न 2 तरीकों से दाखिल कर सकते हैं, या तो “Prepare Online” बटन पर क्लिक करके ऑनलाइन या “Prepare Offline” बटन पर क्लिक करके जीएसटी ऑफ़लाइन टूल यूटिलिटी का उपयोग करके।
- स्टेप 6: ऑनलाइन जीएसटीआर फॉर्म या जीएसटीआर ऑफलाइन टूल में ज़रूरी जानकारी दर्ज करें। कृपया ध्यान दें कि आपको “Prepare Offline” बटन पर क्लिक करके पूरी तरह से भरे हुए ऑफ़लाइन यूटिलिटी फॉर्म को अपलोड करना होगा।
- स्टेप 7: जीएसटी रिटर्न फॉर्म में सभी जानकारी दर्ज करने के बाद, डिटेल सेव करें और फॉर्म सबमिट करें।
- स्टेप 8: जानकारी दर्ज करने के बाद, आप उचित चालान का उपयोग करके ऑनलाइन जीएसटी भुगतान कर सकते हैं।
- स्टेप 9: टैक्स फाइल करने के बाद, “Filing Successful” मैसेज आएगा जिसके साथ एक्नॉलेजमेंट रेफरेंस नंबर (ARN) भी दर्शाया जाएगा। ARN को नोट कर लें जो आगे काम आ सकता है।
- स्टेप 10: आप Services > Returns > Returns Dashboard पर क्लिक करके रिटर्न फाइल करने के स्टटेस को चेक कर सकते हैं। वित्तीय वर्ष और रिटर्न दाखिल करने की अवधि का चयन करें और “Search” पर क्लिक करें। सभी प्रासंगिक जीएसटीआर फॉर्म उनकी फाइलिंग स्टेटस के साथ प्रदर्शित किए जाएंगे।
सी-जीएसटी, एस-जीएसटी और आय-जीएसटी में क्या अंतर है ?
- CGST (central Goods & Service tax ) : यह टैक्स लोकल एरिया में लगता है जैसे की आप जिस शहर में आपके व्यपार का पंजीकरण है आप उसी शहर में सेल और परचेस कर रहे है तो वह हम टैक्स के तौर पर CGST का उसे करते है।
- SGST (State Goods & Service Tax ) : यह टैक्स बिलुकल CGST की तरह ही है ये भी लोकल एरिया में ही लगता है। जहा CGST का उसे होगा वह पर SGST का इस्तेमाल होगा ही होगा। SGST का दूसरा नाम UTGST (Union Terrority Goods & Service टैक्स ) है।
- IGST (Inter Goods & Service Tax ) : यह टैक्स लोकल एरिया के लिए नहीं होता। यह टैक्स का इस्तेमाल तब करेंगे जब हम कुछ सेल परचेस किसी दूसरे स्टेट में करते है।
FAQ
GST Return Filing Process in hindi
GST के लिए कितना टर्नओवर चाहिए ?
20 लाख से अधिक टर्नओवर पर GST रजिस्ट्रेशन जरुरी है। सभी राज्यों के लिए सेवाओं (Services) का इतने के सलाना टर्नओवर पर यह अनिवार्य है।
जीएसटी रिटर्न कब भरा जाता है ?
पंजीकरण के अगले माह की २० तारीख से पहले आपको रिटर्न फाइल करना पड़ेगा चाहे आपने कोई खरीदी या बिक्री न की हो फिर भी आपको निल रिटर्न तो भरना ही पड़ेगा।
जीएसटी रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट क्या है ?
हर महीने की लास्ट डेट उसके अगले महीने की २० तारीख होती है। लेट होने पर आपको ५० रूपया प्रति दिन दंड भरना पड़ेगा अगर आपकी निल फाइल है तो २० रूपया प्रतिदिन।
जीएसटी नहीं भरने पर क्या होता है ?
जीएसटी नहीं भरने पर आपको जुर्माना देना होगा। जोकि अधिकतम जुर्माना भुगतान न किए गए कर का 10% और न्यूनतम 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
जीएसटी का फुल फॉर्म क्या होता है ?
अंग्रेजी में ” Goods and servises tax ” और हिंदी में ” माल और सेवा कर “
जीएसटी कितने लाख तक फ्री है ?
उत्तर पूर्वी राज्यों में यह 10 लाख रुपये और सामान्य राज्यों में 20 लाख तक के टर्नओवर पर जीएसटी फ्री है।
जीएसटी रिटर्न किसे भरना पड़ता है ?
ऐसे सभी कारोबारी (business owners/ dealers), जिन्होंने GST system के तहत खुद को रजिस्टर्ड करा रखा है, उन्हें GST return भरकर जमा करना अनिवार्य है। अलग-अलग बिजनेस की कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग तरह के जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के नियम हैं।