Naresh Goyal Biography In Hindi | नरेश गोयल का जीवन परिचय
1 min read

Naresh Goyal Biography In Hindi | नरेश गोयल का जीवन परिचय

Naresh Goyal Biography In Hindi : जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की जीवनी, शिक्षा, परिवार शेयर और संपत्ति।

एक समय की बात है, जब भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में नई उड़ान भर रही थी, एक व्यक्ति आये और उस उड़ान को अपनी मेहनत और संघर्ष से सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। वह व्यक्ति थे नरेश गोयल, जिन्होंने जेट एयरवेज को स्थापित करने का सपना देखा और उसे हकीकत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए।

नरेश गोयल की जीवनी एक प्रेरणास्पद कहानी है, जो हमें यह दिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और संघर्ष का सामर्थ्य होना चाहिए। उन्होंने एयरलाइंस इंडस्ट्री को भारत में एक नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और एक सफल उड़ान भरी।

इस ब्लॉग पोस्ट को लिखते समय, हम नरेश गोयल की महत्वपूर्ण चर्चाओं का हिस्सा नहीं बना सकते हैं, लेकिन हम उनकी सफलता की कहानी (नरेश गोयल का जीवन परिचय) को विस्तार में जरूर बताएँगे और उनके योगदान को सलाम करते हैं।

जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।नरेश गोयल एक समय देश के एविएशन सेक्टर के पोस्टर बॉय थे, लेकिन फिर उनके कुछ फैसलों ने जेट को जमीन पर ला पटका।

नरेश गोयल जीवन परिचय | Naresh Goyal Biography in hindi

Naresh Goyal Biography In Hindi | नरेश गोयल का जीवन परिचय
Overviewनरेश गोयल जीवन परिचय
नाम नरेश गोयल
जन्म29 जुलाई 1949
जन्म स्थानसंगरूर, पंजाब, भारत
पिता का नामसेठ चरण दास राम लाल
माता का नामअज्ञात
भाई-बहनएक भाई
भाई का नामसुरेंद्र गोयल
पढ़ाईबी कॉम
पेशाउद्यमी
शादी1988
पत्नी का नामअनीता गोयल
बच्चों के नामनिवान गोयल और नम्रता गोयल 
Jet Airways Founder Naresh Goyal Biography In Hindi

29 जुलाई 1949 को पंजाब के संगरूर जिले में जन्मे नरेश गोयल की जीवन की कहानी एक परिवार के छोटे सदस्य के रूप में शुरू हुई, लेकिन इस छोटे से बच्चे ने जीवन के सारे संघर्षों का सामना किया और आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

नरेश गोयल के जन्म के समय, उनका परिवार अपने आधिकारिक आभूषण व्यापार में था, लेकिन उनके पिता का निधन हो गया जब वह बहुत छोटे थे। वे सिर्फ 11 साल के थे जब उनके परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, और उन्हें अपना घर नीलाम करना पड़ा। इस दरम्यान, वे अपनी मां के चाचा के साथ रहने लगे।

नरेश गोयल का बचपन बेहद मुश्किलों से भरा था, लेकिन उन्होंने उन मुश्किलों का सामना किया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने आप को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।

नरेश गोयल की कहानी में एक और महत्वपूर्ण चरण उस समय आता है जब वह सिर्फ 11 साल के थे। उस समय, उनका परिवार बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। सरकार और बैंक की कार्रवाई के परिणामस्वरूप, उनके परिवार की लगभग सारी संपत्ति बर्बाद हो गई, जिसमें उनका अपना घर भी शामिल था। इस मुश्किल समय में, उनके मामा ने उनकी मदद की और उन्हें सहारा दिया।

नरेश गोयल की स्नातक स्तर की पढ़ाई तक का खर्च उठाने के लिए उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। वे चाहते थे कि वे चार्टर्ड अकाउंटेंसी करें, लेकिन उन्होंने बिक्रम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, पटियाला से बी.कॉम की पढ़ाई करना चुना।

यह समय उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था, जब उन्होंने वित्तीय संकट के चलते अपनी मेहनत और संघर्ष के साथ अपने लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ाया, संघर्षों का सामना किया और आखिरकार अपने सपनों को पूरा किया।

नरेश के साथ उनके एक बड़े भाई सुरिंदर कुमार गोयल भी थे, सुरिंदर कुमार गोयल का 9 अगस्त 2015 को निधन हो गया। नरेश गोयल ने अनीता गोयल से शादी की। नरेश और अनीता की एक बेटी और एक बेटा है, जिसका नाम नम्रता गोयल और निवान गोयल है। उनकी बेटी नम्रता गोयल फिल्मस्टॉक में फिल्म निर्माता हैं, जबकि उनके बेटे निवान गोयल जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में थे।

देश की आजादी के दो वर्ष बाद सन 1949 में पंजाब के संगरूर में एक आभूषण व्यापारी के घर जन्मे नरेश गोयल का बचपन बेहद मुश्किलों में गुजरा. घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नरेश गोयल ने 18 साल की उम्र में अपने मामा सेठ चरण दास राम लाल की ईस्ट वेस्ट नाम की ट्रैवल एजेंसी में बतौर कैशियर नौकरी की शुरुआत की. उन्हें महीने के 300 रुपये वेतन के रूप में मिलते थे. यहां नौकरी कुछ समय तक चली. फिर कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद नरेश गोयल इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए जीएसए के साथ ट्रैवल बिजनेस में शामिल हो गए.  

1967 से 1974 तक वो कई विदेशी एयरलाइनों के साथ जुड़े रहे. इस दौरान उन्होंने ट्रैवल बिजनेस की बारिकियों को समझा. कारोबार के सिलसिले में खूब विदेशी यात्राएं भी की. साल 1969 में इराकी एयरवेज ने नरेश गोयल को अपना जनसंपर्क प्रबंधक नियुक्त किया. साल 1971 से 1974 तक ALIA, रॉयल जॉर्डनियन एयरलाइंस के रिजनल मैनेजर के रूप में काम किया. मिडिल ईस्ट एयरलाइंस (एमईए) के भारतीय ऑफिस में भी नरेश गोयल ने काम किया. यहां उन्होंने टिकटिंग, रिजर्वेशन और सेल समेत ट्रैवलिंग बिजनेस के कई अहम पहलुओं को समझा.

फिर कैलेंडर में साल 1974 आया और नरेश गोयल ने अपनी मां से करीब 15 हजार रुपये लेकर जेट एयर नाम से अपनी ट्रैवल एजेंसी की नींव डाली. जेट एयर एजेंसी एयर फ्रांस, ऑस्ट्रियन एयरलाइंस और कैथे पैसिफिक जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती थी. कारोबार चल निकला और नरेश गोयल ट्रैवल बिजनेस में धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे. फिर साल बदले और बदला दशक।

Also Read : कौन हैं नील मोहन? YouTube के नए सीईओ

90 के शुरुआती दशक में देश की इकोनॉमी मुश्किल दौर से गुजर रही थी. प्रधान मंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोशिश कर रही थी. इसी दौरान सरकार ने ओपन स्काई पॉलिसी को हरी झंडी दी. नरेश गोयल ने इस मौके को हाथों-हाथ लपका और घरेलू ऑपरेशन के लिए एयर टैक्सी की शुरुआत की. क्योंकि तब भरत का कानून बिल्कुल संगठित तरीके से प्राइवेट एयरलाइंस की ऑपरेशन की अनुमति नहीं देते थे, जिसके विमान टाइम टेबल के मुताबिक उड़ान भर सकें। (Naresh Goyal Biography In Hindi )

लेकिन दो साल बीतते-बीतते नरेश गोयल ने चार विमानों का एक बेड़ा तैयार कर लिया और आसमान की ऊंचाइयों को नापने के लिए कमर कस ली. फिर तारीख आई 5 मई 1993 की… जिस दिन जेट एयरवेज की बोइंग विमान ने रनवे से अपनी नोज उठाकर आसमान की तरफ देखा और फिर बादलों से बातों करने के लिए उनमें खो गया. इस तरह जेट एयरवेज ने अपने कमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत की.

साल 2002 जेट एयरवेज के लिए ऐतिहासिक रहा. क्योंकि इसी साल वो पल आया, जब वो भारतीय बाजार हिस्सेदारी के मामले में इंडियन एयरलाइंस को पीछे छोड़ दिया. साल 2005 में एयरलाइन ने कैपिटल मार्केट में प्रवेश किया और 20 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गोयल की कुल संपत्ति 8,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई. जेट एयरवेज के आईपीओ के बाद फोर्ब्स मैगजीन ने नरेश गोयल को भारत का 16वां सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया था.

Also Read : Mark Zuckerberg Biography in Hindi- मार्क जुकेरबर्ग की जीवनी

साल 2012 में भारत के एविएशन सेक्टर में बड़ा बदलाव तब आया, जब इंडिगो ने अंततः स्थानीय बाजार में हिस्सेदारी के मोर्चे पर जेट एयरवेज को पीछे छोड़ दिया. करीब एक दशक में जेट एयरवेज की चमक फीकी पड़ने लगी थी. लगभग इसी समय, गिरते रुपये और बढ़ती तेल की कीमतों ने विमानन कंपनियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। संकट लगातार बढ़ता गया, केवल सरकारी राहत पैकेजों की एक सीरीज ने ही एयर इंडिया को बचाए रखा. किंगफिशर जैसी एयरलाइन आसमान से धड़ाम से जमीन पर गिर गई।

जेट एयरवेज उन एयरलाइंस में शामिल थी, जिन्हें इन वजहों से सबसे गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ा. फिर जेट ने अपने कुल 13,000 कर्मचारियों में से 1,900 को नौकरी से निकाल दिया. एयरलाइन के इस कदम से नरेश गोयल पर जमकर सवाल उठे. बाद में सरकार के हस्तक्षेप के बाद कर्मचारियों को फिर से बहाल करना पड़ा. साल 2013 में यूएई की एतिहाद ने जेट एयरवेज में 24 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली. लेकिन गोयल ने अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखी.

साल 2018 के नवंबर में जेट के तिमाही नतीजे तीसरी बार निगेटिव आए. जेट एयरवेज पर 25 अन्य बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये का कर्ज था. साथ ही कंपनी पर 23,000 कर्मचारियों और सैकड़ों वेंडरों का भी 13,000 करोड़ रुपये बकाया था. जेट ने अपने पायलटों से कहा कि वह अप्रैल 2019 तक बकाया वेतन का भुगतान कर देगी.

Also Read : नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | Nelson Mandela Biography in Hindi

जनवरी 2019 में साफ संकेत मिल गए कि जेट किस राह पर जा रहा है. एयरलाइन ने बैंकों के कर्ज चुकाने में देरी की, जिससे रेटिंग में गिरावट आई.मार्च मध्य तक, बड़ी पिक्चर इतनी साफ हो गई कि गोयल अब इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते थे. उन्होंने अपने 24 फीसदी पार्टनर एतिहाद से 750 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कहा, जिसके जवाब में एतिहाद ने कहा कि अगर उसे 150 रुपये प्रति शेयर मिलेंगे तो वह अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देगा. एतिहाद नरेश गोयल की आखिरी उम्मीद थी. उसके इंकार बाद गोयल के लिए सारे दरवाजे बंद हो गए. कुछ दिनों बाद वह अपनी पत्नी के साथ उस एयरलाइन से उतर गए, जिसे उन्होंने करीब 25 साल पहले शुरू किया था और इस तरह जेट आसमान की ऊंचाइयों से जमीन पर आ गई।

नरेश गोयल को कौन-कौन से अवार्ड मिले हैं ?

  • 2011: होटल इन्वेस्टमेंट फोरम ऑफ इंडिया की ओर से हॉल ऑफ फ़म सम्मान
  • 2011: बेल्जियम ने कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ लियोपोल्ड II (देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक) से से सम्मानित किया
  • 2010: ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
  • 2009: सीएनबीसी टीवी18 द्वारा इंडिया बिजनेस लीडर अवार्ड्स
  • 2008: एविएशन प्रेस क्लब द्वारा मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार
  • 2006: एनडीटीवी प्रॉफिट बिजनेस अवार्ड
  • 2000: अर्न्स्ट एंड यंग की ओर से सेवाओं के लिए एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड

नरेश गोयल का नाम कब-कब चर्चा में आया ?

  • भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, 2000 में, नरेश गोयल के नेतृत्व वाली जेट एयरवेज को डॉन दाऊद इब्राहिम फंड दिया गया था। हालांकि इसे खारिज कर दिया गया और सरकार ने उन्हें सुरक्षा मंजूरी दे दी।
  • मार्च 2020 में, प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गोयल से जुड़ी 19 निजी तौर पर आयोजित फर्मों (14 भारत में रजिस्टर्ड और 5 विदेश में रजिस्टर्ड) से जुड़े संदिग्ध लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत हिरासत में लिया।
  • 19 जुलाई 2023 को ईडी ने दिल्ली और मुंबई में नरेश गोयल और उनके सहयोगियों पर छापेमारी की। इससे पहले, 14 जुलाई 2023 को, सीबीआई ने रुपये की कथित 538 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी में गोयल, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
  • प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 सितंबर 2023 को जेट एयरवेज के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल को केनरा बैंक में ₹538 करोड़ की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *