नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय | नेल्सन मंडेला जीवनी | प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, कार्य, आंदोलन, जेल पुरस्कार और सम्मान आदि के बारें में विस्तार से। ( Nelson Mandela Biography in Hindi / Biography of Nelson Mandela in hindi )
आज के इस पोस्ट में जानेंगे की कैसा था नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय, जिन्होंने रंग भेद के ख़िलाफ़ लड़ते हुए अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए, फिर बने अश्वेत राष्ट्रपति, आइये जानते हैं, भारत रत्न नेल्सन मंडेला की आत्म कथा।
Nelson Mandela Biography in Hindi
पूरा नाम | नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला |
पिता का नाम | हेनरी मंडेला |
माता का नाम | |
जन्म तिथि | 18 जुलाई 1918 |
राष्ट्रीयता | साउथ आफ्रिका |
शिक्षा | लॉ ( University of Witwatersrand ) |
पद | पूर्व राष्ट्रपति ( दक्षिण अफ्रीका ) |
पुरस्कार | नोबेल शांति पुरस्कार , भारत रत्न , अन्य देशों और संस्थाओं से 250+ सम्मान |
आंदोलन | रंगभेद आंदोलन |
पुण्य तिथि | 05 दिसंबर 2013 |
नेल्सन मंडेला जी का जीवन परिचय
20वीं के इस राष्ट्रनायक ने अपने जीवन में ऐसा किरदार निभाया जिसका दुनिया बखान करती है, राजतन्त्र, लोकतंत्र और उपनिवेशवाद के इस सदी में इस योद्धा ने अपने देश के परचम हाथों में लेकर विश्व मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वो कहानी आज हमारे लिए प्रेरणा श्रोत है,
मानव सभ्यता के इतिहास में चमड़ी के रंग और नश्लों के आधार पर मानव द्वारा मानव पर अत्याचार का काला अध्याय है दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया सरकार के शासनकाल।
वह दुनिया के एक मात्र शासन व्यवस्था थी जिसमे 16 वर्ष के आयु के बाद हर समय पास में अश्वेत प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य था। अश्वेतों के लिए लिखित कानून बनाये गए थे, जिस वजह से वह के 75 % मूल अश्वेत अपनी ही जमीन पर बेगाने बने और बाहर से आये गोर 87 % जमीन के मालिक थे।
जब सारी दुनियां के लोग आजादी का साँस ले रहे थे, तब भी दक्षिण अफ्रीका 20वीं सदी के अंतिम पड़ाव तक इन काले अंधेरों में कंद्रण कर रहा था। जुल्मी के अत्याचार और बर्बरता के काले घेरे को तोड़ने वाले योद्धा नेल्सन मंडेला ही थे। जिस प्रकार अन्य लोगों के योगदान के वावजूद भारत की आज़ादी के लिए गाँधी जी आदर्श नायक माना जाता है, ठीक उसी प्रकार दक्षिण अफ्रीका के गाँधी नेल्सन मंडेला को कहा जाता है।

प्रारंभिक जीवन
नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसकेई में हुआ था। उनके पिता टेंबू जनजाति के प्रमुख हेनरी मंडेला थे। मंडेला ने स्वयं फोर्ट हरे के यूनिवर्सिटी कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड में शिक्षा प्राप्त की और 1942 में लॉ में योग्यता प्राप्त की।
वैवाहिक जीवन
नेल्सन मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे। अक्टूबर 1944 को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की।
1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया। इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।

उनकी तीन पत्नियां थीं और छह दशक से अधिक समय तक उनके जीवन के अलग-अलग हिस्सों में इन महिलाओं का बेहद ख़ास योगदान रहा.
एक जीवन साथी के रूप में इन महिलाओं के साथ ने नेल्सन मंडेला को एक ख़ास पहचान दी. उनकी जीवनी लिखने वाले एंथोनी सैम्पसन ने एक बार कहा था, “वो महिलाओं के चहेते पुरुष हैं और उन्हें इस बात पर गर्व रहा है.”
राजनैतिक जीवन
राजनीतिक जीवन भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. मंडेला की पहली राजनैतिक पारी सिर्फ अठारह वर्ष की है. 1944 में उन्होंने अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस की सदस्यता ली थी, 1952 में वे इसकी ट्रांसवाल शाखा के अध्यक्ष और फिर राष्टीय उपाध्यक्ष चुने गए. 1953 में पहली बार वे जेल गए थे.
फिर अपने आंदोलनों की वजह से उन पर देशद्रोह का मुकदमा चला और 1956 में उन्हें पांच साल की सज़ा सुनाई गयी. पांच अगस्त, 1962 को देशव्यापी हड़ताल और राजद्रोह के जुर्म में उन्हें दोबारा गिरफ्तार किया गया और फिर वे 27 साल तक जेल में रहे.
जेल के दौरान ही मंडेला विश्वभर में लोकप्रिय हो गए थे और पूरे अफ्रीका महाद्वीप में रंग-भेद के खिलाफ़ लड़ने वाले सबसे बड़े नेता बन गए थे.
नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष के बारे में
विरमानी लिखते हैं कि मंडेला कर्म-प्रधान थे. उनके साहस, धैर्य, जनता से जुड़ाव और त्याग की भावना ने उन्हें अफ्रीका ही नहीं बल्कि विश्वभर के अश्वेत और हाशिये पर मौजूद लोगों का नेता बना दिया था.
नेल्सन की बढती लोकप्रियता के कारण उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वर्गभेद के आरोप में उन्हे जोहान्सबर्ग के बाहर भेज दिया गया। उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया कि वे किसी भी बैठक में भाग नही ले सकते। सरकार के दमन चक्र से बचने के लिए नेल्सन और ऑलिवर ने एक एम प्लान बनाया। एम का मतलब मंडेला से था।
निर्णय लिया गया कि कांग्रेस को टुकङों में तोङकर काम किया जाए तथा परिस्थिती अनुसार भूमिगत रहकर काम किया जाए। प्रतिबंध के बावजूद नेल्सन क्लिपटाउन चले गये और वहाँ कांग्रेस के जलसों में भाग लेने लगे। उन्होने वहाँ उन सभी संगठनों के साथ काम किया जो अश्वेतों की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष कर रहे थे।
नेल्सन मंडेला जीवनी | Biography of Nelson Mandela
सरकार के दमन चक्र के कारण नेल्सन का जनाधार बढ रहा था। रंगभेद सरकार आंदोलन तोङने का हर संभव प्रयास कर रही थी। is बीच कुछ ऐसे कानून पास किये गये जो अश्वेतों के हित में नहीं थे।
नेल्सन ने इन कानूनों का विरोध किया। विरोध प्रर्दशन के दौरान ही ‘शार्पविले’ शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी। लगभग 180 लोग मारे गये। सरकार के इस क्रूर दमन चक्र से नेल्सन का अहिंसा पर से विश्वास उठ गया।
अत्यचारों की पराकाष्ठा को देखते हुए एएनसी ने हथियार बंद लङाई लङने का फैसला लिया।
एएनसी के लङाके दल का नाम ‘स्पियर ऑफ द नेशन’ रखा गया तथा नेल्सन को इसका अध्यक्ष बनाया गया। सरकार इस संगठन को खत्म करके नेल्सन को गिरफ्तार करना चाहती थी।
जिससे बचने के लिए नेल्सन देश के बाहर चले गये और ‘अदीस अबाबा’ में अपने आधारभूत अधिकारों की मांग करने लगे। उसके बाद अल्जीरीया गये जहाँ गोरिल्ला तकनीक का प्रशिक्षण लिया ।
इसके बाद मंडेला लंदन चले गये जहाँ उनकी मुलाकात फिर से ‘ऑलिवर टॉम्बो’ से हुई। लंदन में विपक्षी दलों के साथ मिलकर उन्होने पूरी दुनिया को अपनी बात समझाने का प्रयास किया।
मृत्यु (Nelson Mandela Biography in Hindi)
5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया। किन्तु वे आज भी लोगों के बाीच एक प्रेरणा के रूप में लोगों बीच आज भी जीवित है। उनका देहांत फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ। उस समय उनका पूरा परिवार उनके साथ था।
Read More : 50+ नेल्सन मंडेला जी के विचार | Famous Nelson Mandela Quotes in Hindi
Frequently Asked Questions
Q.1 नेल्सन मंडेला को नोबेल पुरस्कार कब मिला?
Ans : नेल्सन मंडेला को 1993 में मंडेला के साथ उन्हें संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।
Q.2 नेल्सन मंडेला कितने वर्ष जेल में रहे ?
Ans : नेल्सन मंडेला रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताये जहाँ उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था।
Q.3 नेल्सन मंडेला की मृत्यु कब हुई ?
Ans : नेल्सन मंडेला की मृत्यु 5 दिसंबर 2013 को फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ !
Q.4 नेल्सन मंडेला को भारत रत्न कब मिला है?
Ans : नेल्सन मंडेला को भारत रत्न भारत रत्न 1990 ई. मिला है।
Q.5 नेल्सन मंडेला किस देश के नेता थे ?
Ans : नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे।
Read More :
bahoot achi post hai, Every day i learn something new from this website. Most valuable content have on this website. Keep it
up and go forword.
Thank you Monika.
i have found good article from your web thank you for this post
thank you
Thanks for amazing post about mandela ji
Thank you Prachi jee