लोगों से बातचीत के कला मे माहिर कैसे बनें।
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लोगों से बातचीत के कला मे माहिर कैसे बनें।

अगर आप बातचीत के कला मे माहिर बनना चाहते हैं तो इस पोस्ट मे आप इसी विषय मे जानने वाले हैं। अक्सर आपने देखा होगा बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो सिर्फ अपने बारे मे बात करते रहते हैं। ऐसे लोगों को हमेशा खुद के बारे सुनना और बोलना ज्यादा पसंद होता है।

बातचीत में माहिर बनना चाहते हैं और लोगों के दिलों को जीतना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप में एक अच्छा श्रोता का गुण होना अनिवार्य है। आज के समय में हर इंसान यही चाहता है कि उसकी बातों को लोग सुने, जब आप सामने वाले कि बात सुनते हैं, तो वह आपमे काफी दिलचस्पी दिखाते हैं। उनकी नजर में आप अच्छे बन जाते हैं । जब आप सक्सेसफुल लोगों के बारे में पढ़ेंगे तो आप जानेंगे वे सभी एक गुड लिस्नर हैं ।

आइये जानते हैं – लोगों से बातचीत करने में माहिर कैसे बनें, लोगों से कैसे बात करे, एक अच्छा श्रोता कैसे बने और लोगों से बातचीत करने की कला को सीख, लोगों से अपनी बात कैसे मनवाए।

बातचीत के कला मे माहिर कैसे बनें ?

  • दूसरों से बातें करते वक्त दूसरे व्यक्ति को ध्यान से सुने।
  • बीच में उसे मत टोकें।
  • बात ख़त्म होने के बाद अपनी बात रखें।
  • ध्यान रखें आप अपनी बात करते वक्त आपकी जुबान लड़खड़ाए नहीं।
  • बात चीत उसी भाषा में करें जिस भाषा में दूसरा बोल रहा हैं।
  • किस से महत्त्वपूर्ण बात करने से पहले आप पहले तैयारी कर सकते हैं, आप ३ – ४ यां इससे अधिक प्वाइंट्स अपने दिमाग में पहले से रख सकते हैं कि आप ने इन प्वाइंट्स पर बात ज़रूर करनी है।
  • ध्यान रखें कि बात करते वक्त गुस्से में मत आएं, कई बार गुस्से में हम सही बात नहीं कर पाते, अपनी बात अच्छी तरह नहीं रख सकते।

कैसे अच्छी बातचीत करें ?

भले ये एक डिनर पार्टी हो, आपका कॉलेज हो, या फिर आप फ़ोन पर हों, अच्छी बातचीत तब शुरू होती है जब दोनों या और भी लोग एक-दूसरे से बात करते समय, एक-दूसरे के सामने कम्फर्टेबल महसूस करते हों। ऐसे बहुत सारे स्टेप्स मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर, आप एकदम शांत होना और व्यवहारिक रूप से किसी से भी बहुत अच्छी बातचीत कर सकते हैं।

  • अपनी बात कब कहें : जब कोई व्यक्ति किसी काम में व्यस्त हो या किसी दूसरे लोग से बात कर रहा हो तो, बीच में अपनी बाते नहीं कहें। इन्तजार करें और जब सही लगे की अगला बाधित न हो तब अपनी बात कब कहें।
  • लोगों को बोलने का मौका दें : जब आप किसी से बात कर रहें हो तो अपनी बात करने पर जोड़ न दें, ऐसा करने वाले लोग को कोई पसंद नहीं करता है। ज्यादा सुनने का प्रयास करें, अगर सामने वाले की बात में आप रूचि नहीं ले रहे हैं, फिर भी उसे ये नहीं लगना चाहिए की आप उनकी बातों इगनोर कर करे हैं। बीच-बीच में अपनी प्रतिक्रिया देते रहें, जैसे : अच्छा, हाँ-हाँ, जी, बहुत बढ़िया, ओहो
  • सामने वाले की प्रशंसा करें : किसी भी इंसान को खुद के बारे में कुछ अच्छा सुनना बेहद पसंद होता है। इसीलिए कोशिस करें, अपनी बातों में सामने वाले की प्रसंसा को अवश्य शामिल करें। जैसे : आप ऐसा कुछ कह सकते हैं जैसे, “आपने आज जिस तरह से प्रेजेंटेशन दिया मैं तो उसका कायल हो गया। आप कैसे इतने दबाव में भी, इतने शांत रह लेते हैं, क्या आप इसकी, मुझे भी कुछ टिप्स दे सकते है” इस तरह की बातों से, ना सिर्फ एक पॉजिटिव नोट से बातचीत शुरू होती है, बल्कि इससे आगे भी बातचीत करने का रास्ता खुल जाता है।
  • चेहरे पर सही एक्सप्रेशन हो : जब भी आप किसी से कोई बात कर रहे हों तब आपके चेहरे पर सही एक्सप्रेशन का होना जरुरी होता है, इससे सामने वाले को लगता है आप उनकी बातों में रूचि ले रहे हैं। आपका ध्यान बिलकुल उनकी बातों पर ही है। सही एक्सप्रेशन का मतलब बातों और माहौल के आधार पर आप एक मुस्कराहट या उदासी प्रकट कर सकते हैं।

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किसी भी क्षेत्र में आप नौकरी कर रहे हैं, बिज़नेस मैन हैं, स्टूडेंट हो या अन्य। न जानें दिन भर में कितने लोगो से बातचीत अवश्य करते होंगे और यही लोगों से बातचीत करने का ढंग आपको अच्छा और बुरा इंसान दर्शाता है। इससे इंसान का जीवन प्रभावित होता है। लेकिन ये चीजें किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं सिखाई जाती है, खुद में बदलाव लाना होता है।

एक अच्छा श्रोता कैसे बने ?

बातों को सक्रियता से सुनने की कोशिश करें सक्रिय रूप से सुनने का मतलब कि आप बातचीत करते वक्त, अपने सामने बैठे, बात कर रहे इंसान की बातों पर भी ऐसी प्रतिक्रिया दें ताकि उन्हें नजर आये कि आप उनकी बातों पर भी गौर कर रहे हैं। आप आपके फिजिकल और वर्बल, दोनों ही तरह के संकेत देकर भी यह दर्शा सकते हैं कि आप उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे हैं। सामने वाले इंसान की बातों को सक्रियता से सुनना, उस व्यक्ति को अहमियत और सम्मान का अहसास करवाता है, जो प्रभावी बातचीत को विकसित करने के प्रयास में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।

  • आप आपकी पॉजिटिव बॉडी लैंग्वेज से भी किसी को बता सकते हैं, कि आप उसे ध्यान से सुन रहे हैं। सुनिश्चित करें कि पूरी बातचीत के दौरान आप आँखों से संपर्क बनाये रखें। सही समय पर अपना सिर हिला कर भी आप अपनी सक्रियता प्रदर्शित कर सकते हैं।
  • आप अपनी तरफ से बातचीत में ध्यान देने के संकेत देने के लिए कुछ वर्बल संकेत भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये कुछ सीधे-सादे संकेत हो सकते हैं जैसे “ये तो बड़ा मजेदार है!” या कुछ ज्यादा वजनदार, जैसे “ये तो मुझे मालूम ही नहीं था। क्या आप मुझे जरा विस्तार से बता सकते हैं, कि मैराथन में दौड़ते हुए शारीरिक रूप से कैसा महसूस होता है?”
  • आप बातों को ध्यान से सुन रहे हैं, ये बताने का एक दूसरा तरीका हैं बातचीत के कुछ अंश को दोहराना। विस्तार से व्याख्या करके देखें। उदाहरण के लिए, आप कह सकते हैं, “आप अपने लिए कुछ वालंटियर अवसरों की तलाश कर रहे हैं, ये कितना मजेदार है। ऐसा लगता है कि आप कुछ नया आजमाने को लेकर बहुत उत्साहित हैं।”
  • ध्यान दें. किसी की बातों को ध्यान से सुनने का मतलब ये है, कि सामने वाला जो भी कुछ कह रहा हैं, उसे सोचना और उसे अपने ध्यान में रखना। उनकी बातों के लिए अपनी प्रतिक्रिया तैयार करने की कोशिश करने की बजाय, इस पर ध्यान दें कि वो क्या कह रहें हैं और उनकी बोली हुई बातों में मौजूद जानकारी को याद रखें।

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